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    मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरी के आरोप:अमित शाह के करीबी, कश्‍मीर पुर्नगठन विधेयक, राम जन्‍मभूमि ट्रस्‍ट का हिस्‍सा रहे; जानें प्रोफाइल

    3 weeks ago

    दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे भरोसेमंद संस्थाओं में से एक इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया यानी ECI की साख इन दिनों दांव पर है। लीडर ऑफ अपोजीशन राहुल गांधी ने तीसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी सरकार और ECI पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। राहुल ने वोटर वैरिफिकेशन पर 1 घंटा 20 मिनट लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 3.5 लाख वोटर्स का नाम लिस्ट से काट दिया गया था। बिहार में भी यही दोहराया जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले वोटर लिस्ट दी जाती है, ताकि लोकतंत्र को मारा जा सके। राहुल लगातार इलेक्शन कमीशन और बीजेपी पर हमलावर हैं। इससे पहले उन्होंने ने 7 अगस्त को फिर 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ECI प्रमुख पर लगाए वोट चोरों की रक्षा करने के आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 'मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र को नष्ट करने वालों और वोट चोरों को बचा रहे हैं।' ऐसे में जानते हैं कौन हैं देश के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ज्ञानेश कुमार... यूनियन कोऑपरेशन सेक्रेटरी रह चुके हैं ज्ञानेश कुमार 31 जनवरी, 2024 को सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation) के सचिव यानी यूनियन कोऑपरेशन सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए। ये मंत्रालय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अधीन आता है। ज्ञानेश का यह दूसरा कार्यकाल था, जब वे शाह के साथ काम कर रहे थे। वो मई 2022 से गृह मंत्रालय में सेक्रेटरी थे। उन्होंने 5 साल गृह मंत्रालय में काम किया था, जहां वह मई 2016 से लेकर सितंबर 2018 तक जॉइंट सेक्रेटरी और उसके बाद सितंबर 2018 से लेकर अप्रैल 2021 तक एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर थे। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक तैयार किया एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर रहते समय ज्ञानेश कुमार जम्मू-कश्मीर के मामलों को देख रहे थे। इसी कार्यकाल के दौरान 5 अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करने की घोषणा हुई थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अनुच्छेद 370 को रद्द करने का कानून जब लाया जा रहा था उस समय वह गृहमंत्री अमित शाह के साथ लगातार संसद में आते थे। साथ ही उन्हें जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के गठन में भी शामिल रहे गृह मंत्रालय में रहते हुए ज्ञानेश श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन में भी शामिल थे। उन्होंने ट्रस्ट बनने से रिलेटेड कानूनी और प्रशासनिक काम को फाइनल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें केंद्र सरकार द्वारा अपने रिप्रेजेंटेटिव के रूप में सदस्य (पदेन सदस्य या Ex-Officio Member) के तौर पर नियुक्त किया गया था। इसके अलावा उन्होंने तीन तलाक कानून के मसौदे को तैयार करने में भी भूमिका निभाई थी। रिटायरमेंट के 2 महीने में चुनाव आयुक्त बने रिटायर होने के दो महीने बाद 14 मार्च, 2024 को इन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया था। उनके कार्यभार संभालने के अगले ही दिन यानी 15 मार्च, 2024 को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। चुनाव आयुक्त का पद संभालने के लगभग एक साल बाद, 19 फरवरी, 2025 को उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया। वो भारत के 26वें चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) बने। नए कानूनों के बाद पहले CEC बने ज्ञानेश कुमार मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड इलेक्शन कमिश्नर्स (अपॉइंटमेंट, कंडीशन्स ऑफ सर्विस और टर्म ऑफ ऑफिस) एक्ट, 2023 के तहत हुई। वो नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले वे पहले CEC बने। इससे पहले तक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति 1991 में बने कानूनों के तहत होती थी। इसमें तीन सदस्यों की समिति के सिफारिश पर होती थी- नए अधिनियम ने CJI को हटाकर, चयन समिति के स्ट्रक्चर को बदल दिया गया। हालांकि, नई समिति में भी 3 लोग हैं- नई दिल्ली में 17 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति की बैठक में ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) बनाने का फैसला लिया गया। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। कार्यकाल में 20 राज्यों में होंगे चुनाव ज्ञानेश कुमार के 4 साल के कार्यकाल के दौरान 20 राज्य और 1 एक केंद्रशासित प्रदेश (पुडुचेरी) में चुनाव होंगे। अंतिम चुनाव मिजोरम में होगा। इसके अलावा 2027 में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव की तैयारी भी उन्हीं के कार्यकाल में होगी। ज्ञानेश कुमार ने राजीव कुमार की जगह ली इससे पहले CEC पद पर रहे राजीव कुमार 18 फरवरी, 2025 को रिटायर हुए थे। इन्होंने 15 मई, 2022 को 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। वे 2022 में 16वें राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार रहे। बेटी नोएडा की डीएम है ज्ञानेश के पिता सुबोध कुमार गुप्ता चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद से रिटायर हुए थे। उनके भाई एक IRS ऑफिसर हैं और बहन इंदौर में एक स्कूल चलाती हैं। ज्ञानेश कुमार की बेटी मेधा रूपम नोएडा की डीएम और दामाद मनीष बंसल, 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं। ------------ ये खबर भी पढ़ें... ट्रम्प के खिलाफ केस लड़ेंगे भारतीय मूल के नील कत्याल: Yale Law School से पढ़े, सॉलिसिटर जनरल रहे; टैरिफ मामले में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में वकील भारतीय मूल के अमेरिकी अटॉर्नी नील कत्याल आज प्रेसिडेंट ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ेंगे। यह मामला इस बात पर फोकस्ड है कि क्या राष्ट्रपति के पास 1977 के IEEPA यानी इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पॉवर्स एक्ट के तहत एकतरफा टैरिफ लगाने का अधिकार है, या ये पावर सिर्फ अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के पास है। कत्याल का कहना है कि IEEPA कानून राष्ट्रपति को टैक्स या टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं देता है। ऐसा करना अमेरिकी कांग्रेस की पावर पर अतिक्रमण जैसा है। पढ़ें पूरी खबर...
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